देश में फ्यूल डिमांड 11 महीने के टॉप लेवल पर, दिसंबर में लगातार चौथे महीने तेजी
Fuel Demand in India 2020: नवंबर, 2020 में देश में ईंधन की खपत 1.78 करोड़ टन रही थी. पेट्रोल की खपत सितंबर में कोविड-19 के पूर्व के स्तर पर पहुंची थी. वहीं डीजल की खपत अक्टूबर में सामान्य रही थी.
लॉकडाउन की वजह से अप्रैल में ईंधन की डिमांड 49 प्रतिशत घटी थी. (रॉयटर्स)
लॉकडाउन की वजह से अप्रैल में ईंधन की डिमांड 49 प्रतिशत घटी थी. (रॉयटर्स)
Fuel Demand in India 2020: बीते साल की शुरुआत से मध्य तक कोरोनाकाल में आर्थिक गतिविधियों ने फ्यूल डिमांड में एकदम से जोरदार गिरावट आई, उसके बाद से लॉकडाउन खुलने के बाद आर्थिक गतिविधियों ने इस कदर तेजी पकड़ी कि देश में फ्यूल डिमांड ने जोरदार तेजी दर्ज की. आलम यह रहा कि बीते दिसंबर में लगातार चौथे महीने तेजी देखी गई. यह लेवल 11 महीने के टॉप लेवल पर जा पहुंचा है. पीटीआई की खबर के मुताबिक, हालांकि, यह कोविड-19 के पहले के लेवल से अभी दो प्रतिशत कम है.
पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स की कुल मांग Petroleum products aggregate demand
पेट्रोलियम मंत्रालय के पेट्रोलियम योजना और विश्लेषण प्रकोष्ठ के अस्थायी आंकड़ों के मुताबिक, दिसंबर, 2020 में पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स की कुल मांग सालाना आधार पर घटकर 1.85 करोड़ टन रह गई. एक साल पहले समान महीने में यह 1.89 करोड़ टन थी. परिवहन और कारोबारी गतिविधियां शुरू होने से दिसंबर में ईंधन की खपत माह-दर-माह आधार पर लगातार चौथे महीने बढ़ी है.
पेट्रोल की खपत सितंबर 2020 में कोविड-19 के पूर्व के स्तर पर Petrol consumption at pre-Covid-19 levels in September 2020
नवंबर, 2020 में देश में ईंधन की खपत 1.78 करोड़ टन रही थी. पेट्रोल की खपत सितंबर में कोविड-19 के पूर्व के स्तर पर पहुंची थी. वहीं डीजल की खपत अक्टूबर में सामान्य रही थी. हालांकि, नवंबर में इसकी डिमांड में फिर गिरावट आई. दिसंबर में भी इसकी मांग घटी है. अक्टूबर में डीजल की मांग सालाना आधार पर 7.4 प्रतिशत बढ़ी थी.
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(रॉयटर्स)
नवंबर में यह 6.9 प्रतिशत और दिसंबर में 2.7 प्रतिशत घटकर 71.8 लाख टन रह गई. हालांकि, माह-दर-माह आधार पर डीजल की मांग मामूली सुधरी है. नवंबर में यह 70.4 लाख टन रही थी. कोरोना वायरस के प्रसार पर अंकुश के लिए लगाए गए लॉकडाउन की वजह से अप्रैल में ईंधन की डिमांड 49 प्रतिशत घटी थी.
सार्वजनिक परिवहन अभी सामान्य नहीं Public transport is not Normal right now
69 दिन के देशभर में लागू लॉकडाउन के बाद स्थानीय और राज्यस्तर पर भी अंकुश लगाए. हालांकि, बाद में इन अंकुशों में धीरे-धीरे ढील दी गई. नियंत्रण वाले क्षेत्रों में लोकल लेवल पर अंकुश अभी भी मौजूद हैं. त्योहारी सीजन की शुरुआत से ईंधन की खपत में वृद्धि शुरू हुई. लेकिन देश के ज्यादातर हिस्सों में स्कूल और शैक्षणिक संस्थान अभी बंद हैं. ऐसे में सार्वजनिक परिवहन अभी सामान्य नहीं हो पाया है.
एलपीजी एकमात्र ईंधन है जिसकी मांग लॉकडाउन में भी बढ़ी LPG is the only fuel whose demand increased in Lock down
दिसंबर में नाफ्था की मांग 2.67 प्रतिशत घटकर 12.3 लाख रह गई. इसका इस्तेमाल बिजली उत्पादन के लिए औद्योगिक ईंधन के रूप में तथा पेट्रोरसायन उत्पादन में होता है. हालांकि, सड़क निर्माण में काम आने वाले बिटुमन की खपत दिसंबर में 20 प्रतिशत बढ़कर 7,61,000 टन पर पहुंच गई. एलपीजी एकमात्र ईंधन है जिसकी मांग लॉकडाउन में भी बढ़ी थी. सरकार ने गरीब परिवारों को रसोई गैस सिलेंडर मुफ्त दिए थे. दिसंबर में एलपीजी की मांग 7.4 प्रतिशत बढ़कर 25.3 लाख टन पर पहुंच गई. विमान ईंधन एटीएफ की मांग दिसंबर में सालाना आधार पर 41 प्रतिशत घटकर 4,28,000 टन रह गई. माह-दर-माह आधार पर एटीएफ की मांग में 13.5 प्रतिशत का सुधार हुआ.
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05:49 PM IST